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जब एक गरीब को मिला पारस पत्थर जिसके छुते ही लोहा बन जाता था सोना (When the poor had become a philosopher's stone which was touching the iron gold)

जब एक गरीब को मिला पारस पत्थर जिसके छुते ही लोहा बन जाता था सोना (When the poor had become a philosopher's stone which was touching the iron gold)   पुराने समय से ही एक ऐसे पत्थर की बात की जाती रही है, जिसके स्पर्श मात्र से लोहे की वस्तु सोने की बन जाती है। इस चमत्कारी पत्थर को पारस पत्थर के नाम से जाना जाता है। इसके संबंध में कई किस्से-कहानियां प्रचलित हैं। पारस पत्थर का नाम काफी लोगों ने सुना है, लेकिन ये दिखता कैसा है, इसका स्वरूप कैसा है? यह कहां है? ये सभी प्रश्न आज भी अबुझ पहेली बने हुए हैं। पारस पत्थर के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए कई प्रकार के शोध हुए हैं, लेकिन फिर भी इस पत्थर के संबंध में पूर्ण जानकारी उपलब्ध नहीं हुई है। सिर्फ किस्से-कहानियों तक ही इस पत्थर का वजूद है। यहां पढ़िए पारस पत्थर से जुड़ी एक कहानी... निर्धनता से तंग आकर किसी गरीब ब्राह्मण ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कठोर व्रत किया। शंकरजी ने उसे स्वप्न में दर्शन देकर कहा, ‘वृंदावन में सनातन गोस्वामी के पास जाकर उनसे पारस पत्थर मांगो, उससे तुम्हारी निर्धनता दूर हो जाएगी।’ जब वह सनातन गो...
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“गधा और शेर – आत्मविश्वास की जीत” The donkey and the lion, victory of self-confidence

  “गधा और शेर – आत्मविश्वास की जीत” बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल के किनारे एक गाँव था। उस गाँव में एक गधा रहता था जिसका नाम था भोला । भोला साधारण गधा नहीं था। उसका शरीर मजबूत था, लेकिन वह खुद को लेकर हमेशा संकोच में रहता। उसे लगता कि वह किसी काम का नहीं है। लोग उसे आलसी कहते थे, कुछ बच्चे उसे चिढ़ाते भी थे — “अरे गधे, तुझे क्या आता है? तू तो सिर्फ बोझ उठाने के लिए ही बना है।” भोला यह सब सुनकर उदास हो जाता। वह सोचता — “शायद मैं सच में निकम्मा हूँ। मेरे जैसे जानवर की तो कोई कद्र नहीं करता।” उसका आत्मविश्वास दिन-ब-दिन गिरता जा रहा था। उसी जंगल में एक शेर भी रहता था। उसका नाम था वीरेंद्र । वह ताकतवर, बहादुर और आत्मनिर्भर था। पूरे जंगल में उसकी गरिमा थी। सभी जानवर उसका सम्मान करते थे। परंतु वीरेंद्र के मन में भी एक पीड़ा थी। कई बार उसे लगता कि उसकी ताकत ही उसकी पहचान है। वह सोचता — “अगर ताकत न होती तो कौन मुझे पूछता? क्या मेरा अस्तित्व सिर्फ डर दिखाने तक सीमित है?” एक दिन, भाग्य ने ऐसी दिशा में मोड़ लिया जहाँ इन दोनों की मुलाकात हुई। पहली मुलाकात – संकोच और अहंकार गर्मी ...

इन रातों में हासिल की जाती है खतरनाक तंत्र-मंत्रों की सिद्धियाँ (TANTRA-MANTRA,SIDDHIYA)

  प्राचीन समय से साधु, संन्यासी ,ऋषि ,मुनि , सिद्धियाँ  प्राप्त करने   के लिए साधना किया करते थे। शास्त्रों में कहा गया है कि  अलग अलग साधना करने का एक खास समय होता है। इस खास समय में साधना करने पर तंत्र मंत्र सिद्ध हो जाते हैं यानी व्यक्ति के वश में हो जाते हैं। तंत्र मंत्र जिनके वश में होते हैं वह जरूरत के अनुसार सिद्ध  किए मंत्रों के द्वारा  अपनी सभी  इच्छाओं को पूरा कर सकता है। काली रातों में होती है ऐसी तंत्र साधनाएं ऐसी मान्यता है कि तंत्र मंत्र-मंत्र की साधना के लिए कुछ नियम हैं। इस नियम के अनुसार कुछ तंत्र-मंत्र साधनाएं अमावस्या की रात को पूरी की जा सकती है। इनमें भैरव, श्मशान, काली, प्रेतात्माओं को जगाने की साधना शामिल हैं। ग्रहण के समय की जाती है ऐसी तंत्र साधनाएं ग्रहण के समय में अप्सरा ,योगिनी, भैरवी, अग्नि जीवा, कर्ण पिशाचिनी, छिन्नमस्ता, ललिता और कृत कामिनी योगिनी की साधना करने पर सफलता की संभावना प्रबल रहती है। जबकि नवरात्र के समय तंत्र-मंत्र की देवी आदिशक्ति के पृथ्वी पर होने और प्रकृति की अनुकूलता के कारण किसी भी तांत्रिक साधना और...

गायत्री मंत्र के सभी शब्दों का अर्थ (मतलब) क्या है ?(Gayatri Mantra)

  गायत्री मंत्र के सभी शब्दों  का अर्थ (मतलब) क्या है ? सभी ग्रंथों में लिखा है कि मंत्रों का मंत्र महामंत्र गायत्री मंत्र है यह प्रथम इसलिए है क्योंकि  विश्व की प्रथम पुस्तक ऋंगवेद  की शुरुआत ही गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) से होती है कहते हैं कि ब्रह्मा ने चार वेदों की रचना के पूर्व 24 अक्षरों के गायत्री मंत्र की रचना की थी, गायत्री मंत्र के हर शब्द का खास अर्थ है,  आइए जानते हैं गायत्री मंत्र के सभी अक्षरों का अर्थ (मतलब)  ॐ  भूर्भुव स्व तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात्  प्रत्येक अक्षर के उच्चारण से एक देवता का आवाहन हो जाता है  गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों के 24 देवता है उनकी अर्थात  चौबीस शक्तियां है , 24 शक्ति बीज है गायत्री मंत्र की उपासना करने से उन मंत्र शक्तियों का  लाभ और सिद्धियां मिलती है  ॐ शब्द 3 शब्दों से मिलकर बना है अ ,उ  और म इन तीनो शब्दों को एक साथ मिला कर बोलने पर जो ध्वनि निकलती है वो है ॐ |  गायत्री मंत्र का अर्थ उस, प्राणस्वरूप, दुखनाशक, सुख स्वरुप, तेजस्वी, श्रेष...

उर्वशी अप्सरा साधना संपूर्ण जानकारी urvashi apsara sadhna

उर्वशी अप्सरा साधना  संपूर्ण जानकारी प्राचीन काल से ही भारतीय साधना पद्धति में सौन्दर्य की साधना करना भी एक आवश्यक गुण माना गया है। सौन्दर्य शब्द को लेकर के समाज में आज जो भी धारणा हो , उसके विषय में तो कुछ भी नहीं कहा जा सकता, किंतु प्राचीन काल में ऋषियों के मन में सौन्दर्य को लेकर के न तो कोई  था, न उनके मन में कोई ऐसी धारणा थी कि सौन्दर्य की उपासना अपने आपमें कोई अश्लील धारणा है। यही कारण है, कि प्राचीन ग्रंथों में सौन्दर्य का मूर्त रूप अप्सरा को मान कर प्रकारान्तर से सौन्दर्य की ही उपासना करने का प्रयास किया है, क्योंकि सौन्दर्य नारी के माध्यम से अपने सर्वोत्कृष्ट रूप में स्पष्ट हो सकता है . . .  और संसार की तीन अद्वितीय सुंदरियां मानी गई हैं, जिनके नाम उर्वशी, रम्भा, और मेनका हैं , इनमें भी उर्वशी का नाम सर्वोपरि है। ये सुंदर स्त्रियां देवताओं के राजा इन्द्र की सभा में अद्वितीय नृत्य और सूर्य के समान प्रखर सौन्दर्य रश्मियों से सबको अभिभूत करती रहती हैं। उर्वशी के बारे में ग्रंथों में कहा गया है, कि वह चिरयौवना है, हजारों वर्ष बीतने पर भी वह 16 वर्ष की उम्र की युवती क...

Bindu Tratak kaise kare : बिंदु त्राटक कैसे करे ?

Bindu Tratak kaise kare : बिंदु त्राटक कैसे करे   नमस्कार मित्रो आज हम बिंदु त्राटक के बारे में चर्चा करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे हम अपनी मनोकामनाओ की पूर्ति कैसे कर सकते है , और जानेंगे की हम अपने अंदर आकर्षण शक्ति का निर्माण कैसे कर सकते है एक चुम्बकीय शक्ति का निर्माण कैसे कर सकते है | ये जानने की कोशिश करेंगे  बिंदु त्राटक  त्राटक का अर्थ ये होता है , बिना पालक झपकाए किसी वस्तु बिंदु  को एक टक  देखना  या ध्यान देने की क्रिया को त्राटक कहा जाता है. त्राटक के अलग अलग स्टेज होता है अलग अलग पड़ाव होता है , बिंदु त्राटक, दीपक त्राटक ,मोमबत्ती त्राटक ,दर्पण त्राटक ,सूर्य त्राटक ,आदी।  आज हम बिंदु त्राटक के बारे में चर्चा करेंगे  बिंदु त्राटक के फायदे  बिंदु त्राटक के अभ्यास करने पर सम्मोहन के क्षेत्र में सफलता मिलता है।  आकर्षण के क्षेत्र में सफलता मिलता है।  हिप्नॉटिज़्म में सफलता मिलता है।   आप किसी भी व्यक्ति को अपने आँखों से सम्मोहित कर सकते है मन के अंदर  डर , निराशा हिन भावना , गलत विचार  ये निकलना शुर...

घर में सांप के आने से क्या होता है? What happens to snake come in house?

घर में सांप के आने से क्या होता है? What happens to snake come in house?   सांप से बचने के लिए उसे भगाने की बजाए लोग अक्सर सांप को  मार देते हैं। जबकि थोड़ी सी समझदारी से हम सांप को मारे बिना उससे बच सकते हैं। दोस्तों घर में सांप का घुसना या  घर में सांप के  दिखाई देने के  निम्न  कारण  है |  1 . घर के आसपास झाड़ी या जंगल होना  दोस्तों सांपो  का बसेरा ज्यादातर झाड़ियों या घने जंगलो में होता है ,ये अपने बिल खुद नहीं बनाते ये चूहे या अन्य किसी जीव  जंतु के बिलो में रहते है |  ऐसे जगह जहा सांप रहते हो वह पर अगर आपका घर हो तो कभी कभी तो सामना हो ही जायेगा इसमें डरने की बात नहीं है , आपको जैसे अपने प्राण की चिंता है वैसे ही हर जीव जंतु को अपने प्राण की चिंता होती है , आप सांप को मरे नहीं अपितु उसे किसी सांप पकड़ने वाले से कहकर किसी जंगल में या घर से दूर ले जाने को कहे |  2 . घर में चूहे या मुर्गियों का होना   दोस्तों  सांप अक्सर खाने की तलाश में घरो में घुस आते है सांप चूहों या मुर्गियों को अपना शिकार ज्यादा बनाते...

कामदेव कौन थे ? Who is Kamdev s wife ?

  कामदेव कौन है ? Who is Kamdev ? कामदेव सौंदर्य और कल्याण के देवता माने जाते हैं। कामदेव की पत्नी का नाम रति है। प्रेम और सौंदर्य की प्राप्ति के लिए इनकी आराधना खासतौर से की जाती है। कामदेव वह देवता हैं, जिन्होंने भगवान शिव को भी समाधि से विचलित कर दिया था। कामदेव का एक नाम अनंग यानी बिना अंग वाला भी है।जब धर्म पर संकट आयी थी तब किसी भी देवता का दाल नहीं गला , तब मात्र अंतिम सहारा थे भगवान शिव जो तपश्या  में लीन रहते है, तो भगवान शिव को जगाने के लिए सभी देवता अपना अपना तरीका आजमा के देख लिए फिर भी भगवान शिव जी नहीं जागे तब देवताओ ने मिलकर ये योजना बनाई की कामदेव ही है जो भगवान को जगा सकते है , तो देवता गण कामदेव को भेज दिए भगवान शिव को जगाने कामदेव अपने बाण शिव जी के ऊपर छोड़ते गए लेकिन भगवान शिव को कोई फर्क नहीं पड़ा अंततः भगवान शिव निद्रा से जागे तो बहोत क्रोध  में थे, क्रोध में होने के वजह से भगवान शिव का तीसरा नेत्र खुला और कामदेव को भस्म कर दिया लेकिन कामदेव की मृत्यु नहीं हुई पर उनका शरीर जल गया देवताओ के कहने पर भगवान शिव को अपने आप पर पछतावा हुआ और उन्होंने उनको एक...