दुनिया में सभी जीवों में गौ माता के बाद सर्प ही एक ऐसा जीव है जिसका हमारे हिन्दू धर्म से गहरा नाता है। ये भगवान शंकर के प्रिय है और हम भी इन्हें भगवान के सामान मानकर इनकी पूजा करते है। इसके अलावा सर्पो से जुड़े कई ऐसे रहस्यमयी मिथक भी है जो की हमें रोमांचित करते है जैसे की क्या मणिधारी सांप होते है ? या फिर क्या इच्छाधारी नाग होते है ? ऐसी ही सांपो से जुडी एक और बात है जो सदियों से हमारे कौतुहल का विषय रही है, वो ये की क्या उड़ने वाले सांप होते है और यदि होते है तो वो बिना पंखो के उड़ते कैसे है?
चीन समय से ही ऐसे सांपो को देखे जाने के बारे में कहा जाता रहा है लेकिन इनका कोई प्रमाण नहीं था। लेकिन जब वैज्ञानिक घने वर्षा वनों में पहुंचे तो उन्होंने पाया की उड़ने वाले साप महज़ कल्पना नहीं है बल्कि इस धरती पर उनका अस्तित्व है। वैज्ञानिको ने प्रमाण के तौर पर उनकी फोटो खींची और वीडियो भी बनाए। वैज्ञानिको ने पाया की ऐसे सांपो का अस्तित्व तो है पर पुरे विशव में यह केवल दक्षिण एशिया के वर्षा वनों में ही पाए जाते है।
चीन समय से ही ऐसे सांपो को देखे जाने के बारे में कहा जाता रहा है लेकिन इनका कोई प्रमाण नहीं था। लेकिन जब वैज्ञानिक घने वर्षा वनों में पहुंचे तो उन्होंने पाया की उड़ने वाले साप महज़ कल्पना नहीं है बल्कि इस धरती पर उनका अस्तित्व है। वैज्ञानिको ने प्रमाण के तौर पर उनकी फोटो खींची और वीडियो भी बनाए। वैज्ञानिको ने पाया की ऐसे सांपो का अस्तित्व तो है पर पुरे विशव में यह केवल दक्षिण एशिया के वर्षा वनों में ही पाए जाते है।
flying snakes |
उड़ने में सक्षम यह सांप क्रिसोपेलिया जाती से सम्बंधित है हालांकि इस सांप की मात्र पांच प्रजातियों में ही उड़ने की क़ाबलियत होती है। यह सांप 3 से 4 फ़ीट लम्बे होते है और यह वर्षा ऊंचे ऊंचे पेड़ों पर रहते है। ये सांप एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर जाने के लिए उड़ान भरते है। इस तरह से यह अधिकतम 350 फ़ीट की दुरी तक जा पाते है। हालाँकि कुछ वैज्ञानिक उनकी इस क्रिया को उड़ना न मानकर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाना मानते है। लेकिन अधिकाँश वैज्ञानिको का कहना है की इसे छलांग मानना गलत है क्योंकि 350 फ़ीट बहुत ज्यादा दुरी होती है। बन्दर जो की छलांग लगाने के सबसे अनुकूल होते है वो भी कुछ फ़ीट तक ही छलांग लगा पाते है।
बरहाल हमें इसे उड़ान माने या छलांग पर वैज्ञानिको को यह बात सबसे ज्यादा परेशान और हैरान कर रही थी की पंखों जैसी कोई संरचना नहीं होने के बावजूद सांप इस क्रिया को कैसे पूरा करते है। इस बात पर कई दशको से शोध चल रहे थे पर कोई सार्थक निष्कर्ष पर वैज्ञानिक नहीं पहुँच पाये थे। पर इस साल के शुरुआत में इस पर हुई
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