गायत्री मंत्र के सभी शब्दों का अर्थ (मतलब) क्या है ? सभी ग्रंथों में लिखा है कि मंत्रों का मंत्र महामंत्र गायत्री मंत्र है यह प्रथम इसलिए है क्योंकि विश्व की प्रथम पुस्तक ऋंगवेद की शुरुआत ही गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) से होती है कहते हैं कि ब्रह्मा ने चार वेदों की रचना के पूर्व 24 अक्षरों के गायत्री मंत्र की रचना की थी, गायत्री मंत्र के हर शब्द का खास अर्थ है, आइए जानते हैं गायत्री मंत्र के सभी अक्षरों का अर्थ (मतलब) ॐ भूर्भुव स्व तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् प्रत्येक अक्षर के उच्चारण से एक देवता का आवाहन हो जाता है गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों के 24 देवता है उनकी अर्थात चौबीस शक्तियां है , 24 शक्ति बीज है गायत्री मंत्र की उपासना करने से उन मंत्र शक्तियों का लाभ और सिद्धियां मिलती है ॐ शब्द 3 शब्दों से मिलकर बना है अ ,उ और म इन तीनो शब्दों को एक साथ मिला कर बोलने पर जो ध्वनि निकलती है वो है ॐ | गायत्री मंत्र का अर्थ उस, प्राणस्वरूप, दुखनाशक, सुख स्वरुप, तेजस्वी, श्रेष...
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