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गायत्री मंत्र के सभी शब्दों का अर्थ (मतलब) क्या है ?(Gayatri Mantra)

  गायत्री मंत्र के सभी शब्दों  का अर्थ (मतलब) क्या है ? सभी ग्रंथों में लिखा है कि मंत्रों का मंत्र महामंत्र गायत्री मंत्र है यह प्रथम इसलिए है क्योंकि  विश्व की प्रथम पुस्तक ऋंगवेद  की शुरुआत ही गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) से होती है कहते हैं कि ब्रह्मा ने चार वेदों की रचना के पूर्व 24 अक्षरों के गायत्री मंत्र की रचना की थी, गायत्री मंत्र के हर शब्द का खास अर्थ है,  आइए जानते हैं गायत्री मंत्र के सभी अक्षरों का अर्थ (मतलब)  ॐ  भूर्भुव स्व तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात्  प्रत्येक अक्षर के उच्चारण से एक देवता का आवाहन हो जाता है  गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों के 24 देवता है उनकी अर्थात  चौबीस शक्तियां है , 24 शक्ति बीज है गायत्री मंत्र की उपासना करने से उन मंत्र शक्तियों का  लाभ और सिद्धियां मिलती है  ॐ शब्द 3 शब्दों से मिलकर बना है अ ,उ  और म इन तीनो शब्दों को एक साथ मिला कर बोलने पर जो ध्वनि निकलती है वो है ॐ |  गायत्री मंत्र का अर्थ उस, प्राणस्वरूप, दुखनाशक, सुख स्वरुप, तेजस्वी, श्रेष...

जादुई websites जो आपका दिमाग घुमा दे Jadui website jo aapka dimag ghuma de

दोस्तों आप दुनिया के  कई सारे वेबसाइट देखे होंगे जो आपके काम होते है या नहीं भी होते लेकिन आप वहां पर जाकर अपना थोडा सा समय तो जरुर देते होंगे लेकिन क्या आपको किसी जादुई वेबसाइट के बारे में पता है जी हाँ दोस्तों जादुई वेबसाइट , दुनिया में कई सारे वेबसाइट है जिसका न तो माँ का ठिकाना है और ना तो बाप का लेकिन वेबसाइट ऐसी होती है जो आपके दिमाग को घुमा देगा तो दोस्तों आज मै आपको ऐसे मजेदार वेबसाइट के बारे में बता रहा हूँ जिसमे आप जाकर अपना माउस जहाँ भी रोकेंगे वहा पर एक इमेज खुल जायेगा और उसे इमेज में कोई भी इन्शान हो वो आपके माउस को ऊँगली दिखायेगा तो है न ये मज़ेदार वेबसाइट आप जरुर देखे  इस वेबसाइट को किस तरह बनाया गया है मुझे नहीं पता लेकिन यह वेबसाइट बहुत ही आश्चर्यजनक है इस वेबसाइट का नाम है  pointer pointer  इस वेबसाइट में जाने के लिए यहाँ पर   क्लिक करो 

चेहरे के पिम्पल ,कालापन,झुर्रियां ऑयली त्वचा व सभी प्रकार के समस्याओ का एक ही समाधान

नमस्कार दोस्तों आज मैं आप लोगों को एक ऐसी आयुर्वेदिक फार्मूला के बारे में बताने जा रहा हूं जिसको आपने पहले शायद ही सुना होगा, कुछ लोगो के चेहरे बचपन से काले या सावले होते है तो कुछ लोगो के चेरे पर धुप व प्रदुषण के कारण चेहरे पर कई सारे समस्या उत्पन्न हो जाती है जैसे की चेहरे में झुर्रियां आँखों में काले घेरे चेहरे का संवलापन चेहरे के दाग आदि , दोस्तों आजकल लोगो के चेहरे में कई साडी समस्याए उत्पन्न हो रही है , इसके इलाज के लिए टीवी अखबारों में कई क्रीम व दवाइयों के आकर्षक विज्ञापन चलाये जाते है लोग इससे आकर्षित होकर उसे इस्तेमाल करना शुरू कर देते है कुछ दिन इस्तमाल करने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता तो कोई और आकर्षक विज्ञापन की ओर आकर्षित हो जाते है और तरह तरह के क्रीम इस्तेमाल करके छोटे से समस्या बड़ा को रूप दे बैठते है क्योंकि इसमें हमारे चेहरे को नुकसान करने वाले कई घटक रसायन का मिश्रण होता है  लेकिन दोस्तों मै  ऐसा नहीं कह रहा हूँ की यह क्रीम फायदा नहीं देती फायदा तो देती है पर हर किसी को नहीं क्योंकि हर किसी की त्वचा अलग अलग होती है जिसके कारण हर 100 लोगो में से मुश्किल से 2 ...

शाम होते ही पल पल बदलता है मंदिर का रंग (Every moment of the evening changes color temple)

वृंदावन में श्रीकृष्ण का प्रेम मंदिर बना हुआ है। मथुरा/आगरा.  वृंदावन में श्रीकृष्ण का प्रेम मंदिर बना हुआ है। यहां की दीवारों पर हर तरफ राधा-कृष्ण की रासलीला दिखती है। साथ ही श्रीकृष्ण और राधारानी की भव्य मूर्तियां है। इसे कृपालुजी महाराज ने बनवाया था। यह मंदिर सफेद इटालियन संगमरमर से बनाया गया है। स्पेशल लाइटिंग से शाम होते ही मंदिर का रंग हर 30 सेकेंड में बदलता रहता है। 54 एकड़ में फैला है मंदिर मंदिर की देखभाल में लगे नंदगोपाल बताते हैं कि 54 एकड़ में बना यह मंदिर 125 फुट ऊंचा, 122 फुट लंबा और 115 फुट चौड़ा है। यहां खूबसूरत बगीचे लगाए गए हैं। फव्वारे, श्रीकृष्ण और राधा की मनोहर झांकियां, श्रीगोवर्धन धारणलीला, कालिया नाग दमनलीला, झूलन लीलाएं बेहतर तरीके से दिखाई गई हैं। 94 कलामंडित स्तंभ नंदगोपाल के मुताबिक, पूरे मंदिर में 94 कलामंडित स्तंभ हैं। गर्भगृह के अंदर और बाहर प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प का नमूना दिखाते हुए नक्काशी की गई है। यहां संगमरमर की चिकनी स्लेटों पर 'राधा गोविंद गीत' के सरल दोहे लिखे गए हैं। इन्हें भक्त आसानी से पढ़ और समझ स...

जब हो रहा हो नुकशान jab ho raha ho nukshan

1. घटते लाभ का नियम कहता है कि किसी काम पर एक घंटा खर्च करना लाभदायक होगा, लेकिन उसी काम पर पांच घंटे लगाना वक्त की बर्बादी है। जैसे कोई अपना बिज़नेस प्रमोट करने के लिए सोशल मीडिया पर सिर्फ एक घंटा दे, क्योंकि सोशल नेटवर्किंग में घंटों खर्च होने पर भी पता ही नहीं चलता। 2. पूर्णतावादी होने से बचें। मतलब यह नहीं कि घटिया काम स्वीकार्य है, लेकिन किसी काम पर लंबे समय तक काम करना जबकि गुणवत्ता में सुधार होना कब का थम गया है, लाभदायक नहीं है। तब आप दूसरे काम नहीं कर पाते। बड़ा काम हम लक्ष्य के लिए करते हैं, जबकि परफेक्शन हम अपने लिए लाते हैं। 3. काम की जगह अस्तव्यस्त होगी तो मन भी अस्तव्यस्त रहेगा। काम के दौरान नहीं चाहेंगे कि शारीरिक-मानसिक ऊर्जा अस्तव्यस्तता पर खर्च हो। हाथ से कागजों को उलट- पलट कर दस्तावेज खोजेंगे तो उत्पादकता कहां रहेगी। चीजें व्यवस्थित करने में कुछ वक्त लगाएं।

असमान में उड़ने वाला सांप ( snakes myth reality and facts.)

दुनिया में सभी जीवों में गौ माता  के बाद सर्प  ही एक ऐसा जीव है जिसका हमारे  हिन्दू धर्म से गहरा नाता है। ये भगवान शंकर  के प्रिय है और हम भी इन्हें भगवान के सामान  मानकर  इनकी पूजा करते है। इसके अलावा सर्पो  से जुड़े कई ऐसे रहस्यमयी मिथक भी है जो की हमें रोमांचित करते है जैसे की क्या मणिधारी सांप होते है ? या फिर क्या इच्छाधारी नाग होते है ? ऐसी ही सांपो से जुडी एक और बात है जो सदियों से हमारे कौतुहल का विषय रही है, वो ये की क्या उड़ने वाले सांप होते है और यदि होते है तो वो बिना पंखो के उड़ते कैसे है? चीन समय से ही ऐसे सांपो को देखे जाने के बारे में कहा जाता रहा है लेकिन इनका कोई प्रमाण नहीं था। लेकिन जब वैज्ञानिक घने वर्षा वनों में पहुंचे तो उन्होंने पाया की उड़ने वाले साप महज़ कल्पना नहीं है बल्कि इस धरती पर उनका अस्तित्व है।  वैज्ञानिको ने प्रमाण के तौर पर उनकी फोटो खींची और वीडियो भी बनाए। वैज्ञानिको ने पाया की ऐसे सांपो का अस्तित्व तो है पर पुरे विशव में यह केवल दक्षिण एशिया के वर्षा वनों में ही पाए जाते है। flying snakes उड़ने में सक...

इन 8 कारणों से डसता है साँप (in 8 karno se dasta hai sanp)

सांप से हमेशा ही सावधान रहना चाहिए, क्योंकि इसके डंसने से मृत्यु भी हो सकती है। सांप किसी इंसान को बिना वजह नहीं डंसता है। सांप के जहर की एक बूंद से भी कई इंसानों की मृत्यु हो सकती है। ये जहर खून में मिलते ही बहुत तेजी से पूरे शरीर में फैलता है। सांप के जहर से बचने के लिए पीड़ित व्यक्ति को जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास पहुंचाना चाहिए। शास्त्रों में 8 ऐसे कारण बताए गए हैं, जिनकी वजह से सांप इंसान को डंस सकता है। यहां जानिए ये कारण कौन-कौन से हैं… 1. यदि जाने-अनजाने किसी इंसान के पैरों के नीचे कोई सांप आ जाए और सांप पैरों से दबने लगे तो सांप तुरंत ही डंस लेता है। 2. यदि कोई व्यक्ति किसी सांप को नुकसान पहुंचाता है, मारने की कोशिश करता है तो उससे बदला लेने के लिए और खुद की जान बचाने के लिए सांप डंस सकता है। 3. यदि कोई व्यक्ति सांप के बच्चे को नुकसान पहुंचाता है तो सांप अपनी संतान की रक्षा के लिए भी डंस सकता है। 4. जब कोई सांप उन्मादी यानी पागल हो जाए तो वह किसी भी इंसान को कभी भी डंस सकता है। 5. एक मान्यता है भी कि किसी इंसान से दुश्मनी हो या नाग या नागिन को मार डाला हो...

रखे पेड़ो से जुडी 7 बातो का ध्यान ( Vastu shastra tips for plants and trees in Hindi)

Vastu shastra tips for plants and trees in Hindi :   वास्तु शास्त्र के अनुसार, जिस प्रकार घर का हर हिस्सा हमारे जीवन को प्रभावित करता है, उसी तरह घर में सजावट के लिए रखे गए पौधे भी हमारे जीवन पर पॉजिटिव और नेगेटिव प्रभाव डालते हैं। जाने-अनजाने में हम कई बार ऐसे पौधे अपने घर में रख लेते हैं, जिनके कारण वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है।जिसका सीधा-सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है। आज हम आपको बता रहे हैं घर में किस प्रकार के पौधे रखना चाहिए और कैसे नहीं।

आखिर पांडवो ने क्यों खाए अपने पिता के मांस ( Why Pandavas eat dead body (Flesh) of Pandu)

Why Pandavas eat dead body (Flesh) of Pandu   : आज हम आपको महाभारत से जुडी एक घटना बताते है जिसमे पांचो पांडवों ने अपने मृत पिता पाण्डु का मांस खाया था उन्होंने ऐसा क्यों किया यह जानने के लिए पहले हमे पांडवो के जनम के बारे में जानना पड़ेगा। पाण्डु के पांच पुत्र युधिष्ठर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव थे।  इनमे से युधिष्ठर, भीम और अर्जुन की माता कुंती तथा नकुल और सहदेव की माता माद्री थी। पाण्डु इन पाँचों पुत्रों के पिता तो थे पर इनका जनम पाण्डु के वीर्य तथा सम्भोग से नहीं हुआ था क्योंकि पाण्डु को श्राप था की जैसे ही वो सम्भोग करेगा उसकी मृत्यु हो जाएगी। इसलिए पाण्डु के आग्रह पर यह पुत्र कुंती और माद्री ने भगवान का आहवान करके प्राप्त किये थे। जब पाण्डु की मृत्यु हुई तो उसके मृत शरीर का मांस पाँचों भाइयों ने मिल बाट कर खाया था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योकिं स्वयं पाण्डु की ऐसी इच्छा थी। चुकी उसके पुत्र उसके वीर्ये से पैदा नहीं हुए थे इसलिए पाण्डु का ज्ञान, कौशल उसके बच्चों में नहीं आ पाया था।  इसलिए उसने अपनी मृत्यु पूर्व ऐसा वरदान...

हेल्थ से जुड़े खास बात Health Se jude khas baat

हेल्थ से जुड़े खास बात Health Se jude khas baat Aurvedic ग्रन्थों के अनुसार  वात 80 प्रकार का होता है और इसी से सामंजस्य रखता हुआ एक और बीमारी है जिसे बाय या वायु कहते हैं। यह 84 प्रकार का होता है।  यहाँ प्रश्न  यह उठता है कि जब वात और वायु के इतने प्रकार हैं, तो, यह कैसे पता लगाया जाये  कि यह वात बीमारी है या बाय और यह किस प्रकार का है ? यह कठिन Problems है और यही वजह है कि इस disease की उपयुक्त  चिकित्सा  नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से इस disease से पीड़ित 50 प्रतिशत व्यक्ति सदैव परेशान रहते हैं। उन्हें कुछ दिन के लिए इस disease में राहत तो जरूर मिलती है, but पूर्णतया सही नहीं हो पाता है। इस disease की चिकित्सा एलोपैथी के माध्यम से पूर्णतया सम्भव नहीं है, जबकि Ayurved के माध्यम से इसे आज कल 90 प्रतिशत तक जरूर सही हो सकता है, शेष 10 प्रतिशत माँ भगवती जगत जननी की कृपा से ही सम्भव है। वात रोग लक्षण और समस्यां        इस disease के वजह body के सभी छोटे-बडे़ जोडो़ं व मांसपेशियों में दर्द व सूजन हो जाया करती है।...