मथुरा/आगरा. वृंदावन में श्रीकृष्ण का प्रेम मंदिर बना हुआ है। यहां की दीवारों पर हर तरफ राधा-कृष्ण की रासलीला दिखती है। साथ ही श्रीकृष्ण और राधारानी की भव्य मूर्तियां है। इसे कृपालुजी महाराज ने बनवाया था। यह मंदिर सफेद इटालियन संगमरमर से बनाया गया है। स्पेशल लाइटिंग से शाम होते ही मंदिर का रंग हर 30 सेकेंड में बदलता रहता है।
54 एकड़ में फैला है मंदिर
मंदिर की देखभाल में लगे नंदगोपाल बताते हैं कि 54 एकड़ में बना यह मंदिर 125 फुट ऊंचा, 122 फुट लंबा और 115 फुट चौड़ा है। यहां खूबसूरत बगीचे लगाए गए हैं। फव्वारे, श्रीकृष्ण और राधा की मनोहर झांकियां, श्रीगोवर्धन धारणलीला, कालिया नाग दमनलीला, झूलन लीलाएं बेहतर तरीके से दिखाई गई हैं।
मंदिर की देखभाल में लगे नंदगोपाल बताते हैं कि 54 एकड़ में बना यह मंदिर 125 फुट ऊंचा, 122 फुट लंबा और 115 फुट चौड़ा है। यहां खूबसूरत बगीचे लगाए गए हैं। फव्वारे, श्रीकृष्ण और राधा की मनोहर झांकियां, श्रीगोवर्धन धारणलीला, कालिया नाग दमनलीला, झूलन लीलाएं बेहतर तरीके से दिखाई गई हैं।
94 कलामंडित स्तंभ
नंदगोपाल के मुताबिक, पूरे मंदिर में 94 कलामंडित स्तंभ हैं। गर्भगृह के अंदर और बाहर प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प का नमूना दिखाते हुए नक्काशी की गई है। यहां संगमरमर की चिकनी स्लेटों पर 'राधा गोविंद गीत' के सरल दोहे लिखे गए हैं। इन्हें भक्त आसानी से पढ़ और समझ सकते हैं।
नंदगोपाल के मुताबिक, पूरे मंदिर में 94 कलामंडित स्तंभ हैं। गर्भगृह के अंदर और बाहर प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प का नमूना दिखाते हुए नक्काशी की गई है। यहां संगमरमर की चिकनी स्लेटों पर 'राधा गोविंद गीत' के सरल दोहे लिखे गए हैं। इन्हें भक्त आसानी से पढ़ और समझ सकते हैं।
जगतगुरु कृपालुजी महाराज ने की थी इसे बनाने की घोषणा
इस मंदिर को बनाने की घोषणा जगतगुरु कृपालुजी महाराज ने साल 2001 में की थी। इसके 11 साल बाद करीब 1000 मजदूरों ने 2012 में इसे तैयार कर दिया था।
इस मंदिर को बनाने की घोषणा जगतगुरु कृपालुजी महाराज ने साल 2001 में की थी। इसके 11 साल बाद करीब 1000 मजदूरों ने 2012 में इसे तैयार कर दिया था।
स्पेशल लाइटिंग से शाम होते ही मंदिर का रंग पल-पल बदलता रहता है। |
यह मंदिर 125 फुट ऊंचा, 122 फुट लंबा और 115 फुट चौड़ा है। |
पूरे मंदिर में 94 कलामंडित स्तंभ हैं। |
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