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इन रातों में हासिल की जाती है खतरनाक तंत्र-मंत्रों की सिद्धियाँ (TANTRA-MANTRA,SIDDHIYA)

  प्राचीन समय से साधु, संन्यासी ,ऋषि ,मुनि , सिद्धियाँ  प्राप्त करने   के लिए साधना किया करते थे। शास्त्रों में कहा गया है कि  अलग अलग साधना करने का एक खास समय होता है। इस खास समय में साधना करने पर तंत्र मंत्र सिद्ध हो जाते हैं यानी व्यक्ति के वश में हो जाते हैं। तंत्र मंत्र जिनके वश में होते हैं वह जरूरत के अनुसार सिद्ध  किए मंत्रों के द्वारा  अपनी सभी  इच्छाओं को पूरा कर सकता है। काली रातों में होती है ऐसी तंत्र साधनाएं ऐसी मान्यता है कि तंत्र मंत्र-मंत्र की साधना के लिए कुछ नियम हैं। इस नियम के अनुसार कुछ तंत्र-मंत्र साधनाएं अमावस्या की रात को पूरी की जा सकती है। इनमें भैरव, श्मशान, काली, प्रेतात्माओं को जगाने की साधना शामिल हैं। ग्रहण के समय की जाती है ऐसी तंत्र साधनाएं ग्रहण के समय में अप्सरा ,योगिनी, भैरवी, अग्नि जीवा, कर्ण पिशाचिनी, छिन्नमस्ता, ललिता और कृत कामिनी योगिनी की साधना करने पर सफलता की संभावना प्रबल रहती है। जबकि नवरात्र के समय तंत्र-मंत्र की देवी आदिशक्ति के पृथ्वी पर होने और प्रकृति की अनुकूलता के कारण किसी भी तांत्रिक साधना और...

गायत्री मंत्र के सभी शब्दों का अर्थ (मतलब) क्या है ?(Gayatri Mantra)

  गायत्री मंत्र के सभी शब्दों  का अर्थ (मतलब) क्या है ? सभी ग्रंथों में लिखा है कि मंत्रों का मंत्र महामंत्र गायत्री मंत्र है यह प्रथम इसलिए है क्योंकि  विश्व की प्रथम पुस्तक ऋंगवेद  की शुरुआत ही गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) से होती है कहते हैं कि ब्रह्मा ने चार वेदों की रचना के पूर्व 24 अक्षरों के गायत्री मंत्र की रचना की थी, गायत्री मंत्र के हर शब्द का खास अर्थ है,  आइए जानते हैं गायत्री मंत्र के सभी अक्षरों का अर्थ (मतलब)  ॐ  भूर्भुव स्व तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात्  प्रत्येक अक्षर के उच्चारण से एक देवता का आवाहन हो जाता है  गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों के 24 देवता है उनकी अर्थात  चौबीस शक्तियां है , 24 शक्ति बीज है गायत्री मंत्र की उपासना करने से उन मंत्र शक्तियों का  लाभ और सिद्धियां मिलती है  ॐ शब्द 3 शब्दों से मिलकर बना है अ ,उ  और म इन तीनो शब्दों को एक साथ मिला कर बोलने पर जो ध्वनि निकलती है वो है ॐ |  गायत्री मंत्र का अर्थ उस, प्राणस्वरूप, दुखनाशक, सुख स्वरुप, तेजस्वी, श्रेष...

कामदेव कौन थे ? Who is Kamdev s wife ?

  कामदेव कौन है ? Who is Kamdev ? कामदेव सौंदर्य और कल्याण के देवता माने जाते हैं। कामदेव की पत्नी का नाम रति है। प्रेम और सौंदर्य की प्राप्ति के लिए इनकी आराधना खासतौर से की जाती है। कामदेव वह देवता हैं, जिन्होंने भगवान शिव को भी समाधि से विचलित कर दिया था। कामदेव का एक नाम अनंग यानी बिना अंग वाला भी है।जब धर्म पर संकट आयी थी तब किसी भी देवता का दाल नहीं गला , तब मात्र अंतिम सहारा थे भगवान शिव जो तपश्या  में लीन रहते है, तो भगवान शिव को जगाने के लिए सभी देवता अपना अपना तरीका आजमा के देख लिए फिर भी भगवान शिव जी नहीं जागे तब देवताओ ने मिलकर ये योजना बनाई की कामदेव ही है जो भगवान को जगा सकते है , तो देवता गण कामदेव को भेज दिए भगवान शिव को जगाने कामदेव अपने बाण शिव जी के ऊपर छोड़ते गए लेकिन भगवान शिव को कोई फर्क नहीं पड़ा अंततः भगवान शिव निद्रा से जागे तो बहोत क्रोध  में थे, क्रोध में होने के वजह से भगवान शिव का तीसरा नेत्र खुला और कामदेव को भस्म कर दिया लेकिन कामदेव की मृत्यु नहीं हुई पर उनका शरीर जल गया देवताओ के कहने पर भगवान शिव को अपने आप पर पछतावा हुआ और उन्होंने उनको एक...

सपने क्यों आते है sapne kyon aate hai

 सपने मन की एक विशेष अवस्था होते हैं, जिसमें वास्तविकता का आभास होता है. स्वप्न न तो जागृत अवस्था में आते हैं न तो निद्रा में बल्कि यह दोनों के बीच की की तुरीयावस्था में आते हैं.  सपने वास्तव में निद्रावस्था में मस्तिष्क में होने वाली क्रियाओं का परिणाम है। कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें सपने नहीं दिखाई देते, लेकिन कुछ दूसरे लोगों का कहना है कि उन्हें बहुत सपने दिखाई देते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार निद्रावस्था में हर व्यक्ति को रोजाना दो-तीन बार सपने आते हैं। सपने की घटनाएँ कुछ लोगों को याद रहती हैं, तो कुछ लोग सपने की घटनाओं को भूल जाते हैं। सपनों के विषय में लोगों के कई मत हैं। वैसे तो स्वप्न शास्त्र के अनुसार हर सपना आने का एक मतलब होता है कभी-कभी हमें ऐसे सपने आते हैं जिसके बाद हम सो नहीं पाते और ऐसा लगता है मानो कि सपना नहीं वास्तव में कोई हकीकत है। तो वहीं कई लोगों के साथ ऐसा भी होता है कि उन्हें हर रात डरावने सपने आते हैं और समय हमेशा यही डर लगता है कि अगर वैसा ही सपना दोबारा आया तो। सपने का मतलब ,जाने क्या कहते है आपके सपने, हर सपने आपको करता है कुछ इशारा इ...

बुरी नजर के सफल १० अचूक रामबाण टोटके buri najar ke safal 10 achuk ramban totke

 नमस्कार दोस्तों आज मैं आपके लिए लाया हूं नजर उतारने के १० अचूक रामबाण टोटके  दोस्तों आज के दौर में हर कोई एक दूसरे के पैर  खींचने में लगा हुआ है , चाहे  वो अपने हो या पराये , ये कहा नहीं जा सकता कब किसकी बुरी नजर लगी , बचे ही नहीं बड़ो को भी बुरी नजर लग जाती है , घर पर बुरी नजर लग जाती है , आपके कारोबार पर ,दुकान में गाहको का आना काम हो जाता है , कई बार नजर का दोष ऐसे होता है की  ग्राहक तो आते है दुकान  पर आके बिना कुछ लिए  खाली  हाँथ वापस चले जाते है लोग माने  या न माने  पर टोन टोटके बुरी नजर जैसी चीजे आज भी दुनियां में होती है , क्योंकि अगर हम भगवन को मानते है की वो इस दुनिया में आज भी विद्यमान है , तो आपको शैतान को भी मानना पड़ेगा की बुरी शक्तियां भी होती है , क्योंकि सत्य है तो असत्य भी है पुण्य है तो पाप भी है , दोस्तों किसी ने नजर लगाया हो तो ये  नहीं की वो टोने टोटके जनता हो नजर लगाने वाला कोई भी सकता है वो आपके अपने भी हो सकते है ,क्योंकि बुरी नजर घृणा से पैदा होती है ये शक्ति हर किसी में वि...

ये अनोखी वस्तु अगर आपके पास है तो होंगी हर मुराद पूरी (ye anokhi vastu agar aapke pass hai to hongi har murad puri)

दुनिया में कई अजीबो गरीब चमत्कार देखने को मिलते है पर  आज मै  जो बताने जा रहा हूँ , एक ऐसी चमत्कारी वस्तु के बारे में  जिसको अपने समीप रखने मात्र से आपकी हर इच्छा पूरी होगी उस वस्तु का नाम है सियार सिंगी पर आप सोच रहे होंगे की सियार का तो सिंग  ही नहीं होता तो ये सियार सिंगी है क्या चीज , दरअसल हम आपको बतादे की सियार या गीदड़ का सिंग नहीं होता, लोगो के लिए ये बहुत बड़ा आश्चर्य है , की जिसे सियार सिंगी कहा जाता है उसे सियार का सिंग ही माना  जाता है | विशेषज्ञों के अनुसार सियार जब ऊपर मुह करके चिल्लाता है तो उसके सर से सिंग जैसे नुकीला भाग निकल आता है जो सिंग के जैसे सख्त होता है | कई लोगो का मानना है की जब सियार बुढा हो जाता है तो उसके नाक के पास सिंग जैसा सख्त हिस्सा उभर आता है जो हजारो में से किसी एक सियार में पाया जाता है | इसको हासिल कैसे करते है =  आप सोंच रहे होंगे की सियार सिंगी सियार को मारकर हासिल किया जाता है पर ऐसा नहीं है सियार जब रात के समय जब गले को ऊपर कर चिल्लाता है तभी उसका वो सिंग बहार आता है अन्यथा कोई भी समय नहीं दिखता , जब सियार ...

सपने का मतलब ,जाने क्या कहते है आपके सपने, हर सपने आपको करता है कुछ इशारा (jane kya kahte hai Aapke sapne)sapne ka matlab

 यहाँ हम आपको 251 सपनो के स्वपन ज्योतिष के अनुसार संभावित फल बता रहे है। सपने                                     फल 1- आंखों में काजल लगाना- शारीरिक कष्ट होना 2- स्वयं के कटे हाथ देखना- किसी निकट परिजन की मृत्यु 3- सूखा हुआ बगीचा देखना- कष्टों की प्राप्ति 4- मोटा बैल देखना- अनाज सस्ता होगा 5- पतला बैल देखना – अनाज महंगा होगा 6- भेडिय़ा देखना- दुश्मन से भय 7- राजनेता की मृत्यु देखना- देश में समस्या होना 8- पहाड़ हिलते हुए देखना- किसी बीमारी का प्रकोप होना 9- पूरी खाना- प्रसन्नता का समाचार मिलना 10- तांबा देखना- गुप्त रहस्य पता लगना 11- पलंग पर सोना- गौरव की प्राप्ति 12- थूक देखना- परेशानी में पडऩा 13- हरा-भरा जंगल देखना- प्रसन्नता मिलेगी 14- स्वयं को उड़ते हुए देखना- किसी मुसीबत से छुटकारा 15- छोटा जूता पहनना- किसी स्त्री से झगड़ा 16- स्त्री से मैथुन करना- धन की प्राप्ति 17- किसी से लड़ाई करना- प्रसन्नता प्राप्त होना 18- लड़ाई में मारे जाना- राज प्राप्ति के योग 19- चंद...

जाने किससे कैसा होगा प्रेम राशि के अनुसार (jane kisse kaisa hoga prem rashi ke Anushar)

 सभी 12 राशियों का प्रकृति  अलग-अलग होता है और इन्ही राशियों के वजह से व्यक्ति का  स्वभाव और भविष्य बनता है। राशियों के स्वभाव के आधार पर ही हमारे रिश्ते, दोस्ती, प्रेम-प्रसंग भी निर्भर होते हैं। यदि आप जानना चाहते हैं कि आपका प्रेम-प्रसंग किस स्त्री या पुरुष के साथ कैसा रहेगा तो अपने नाम अक्षर के अनुसार यहां जानिए…

हस्तरेखा से अपना भाग्य जाने (hastrekha se Apna bhagya jane)

(Life line keep on changing throughout life)। चूंकि हस्त रेखा (Samudrik Shastra) विज्ञान कर्मो के आधार पर टिका है, इसलिए मनुष्य जैसे कर्म करता है वैसा ही परिवर्तन उसके हाथ की रेखाओ में हो जाता है (Palmistry stand by our work, palm line change with them)। हाथ का विश्लेषण करते समय सबसे पहले हम हाथ की बनावट को देखते हैं तत्पश्चात यह देखा जाता है कि हाथ मुलायम है या सख्त।आम तौर पर पुरुषो का दायाँ हाथ तथा स्त्रियों का बायाँ हाथ देखा जाता है।यदि कोइ पुरुष बायें हाथ से काम करता है तो उसका बायाँ हाथ देखा जाता है। हाथ में जितनी कम रेखाऎं होती हैं, भाग्य की दृष्टि से हाथ उतना ही सुन्दर माना जाता है (Lots of Palm line are not good for Fortune)। हाथ में मुख्यतः चार रेखाओ का उभार स्पष्ट रुप से रहता है( We can see four main line in palm) जीवन रेखा (Life Line) जीवन रेखा हृदय रेखा के ऊपरी भाग से शुरु होकर आमतौर पर मणिबन्ध पर जाकर समाप्त हो जाती है (Life line start from heart line and end on Manibandh line)। यह रेखा भाग्य रेखा के समानान्तर चलती है, परन्तु कुछ व्यक्तियो की हथेली में जीव...

सम्मोहन से जाने अमुक व्यक्ति के मन की बात (Hypnotizm se jane dusro ki man ki baat)

सम्मोहन, वशीकरण जैसे शब्दों को सुनकर किसी जादु की अनुभूति करते हैं। सम्मोहन एक विद्या है। जिसे जागृत करना सामान्यत: आज के मानव के अति दुष्कर कार्य है। सम्मोहन विद्या का इतिहास आज या सौ-दो सौ साल पुराना नहीं बल्कि सम्मोहन प्राचीन काल से चला रहा है। श्रीराम और श्रीकृष्ण में सम्मोहन की विद्या जन्म से ही थी। वे जिसे देख लेते या कोई उन्हें देख लेता वह बस उनकी माया में खो जाता था। यहां हम बात करेंगे श्रीकृष्ण के सम्मोहन की। श्रीकृष्ण का एक नाम मोहन भी है। मोहन अर्थात सभी को मोहने वाला। श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व और सुंदरता सभी का मन मोह लिया करती है। जिन श्रीकृष्ण की प्रतिमाएं इतनी सुंदर है वे खुद कितने सुंदर होंगे। श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में सम्मोहन की कई लीलाएं की हैं। उनकी मधुर मुस्कान और सुंदर रूप को देखकर गोकुल की गोपियां अपने आप को रोक नहीं पाती थी और उनके मोहवश सब कुछ भुलकर बस उनका संग पाने को लालायित हो जाती थी। श्रीकृष्ण ने माता यशोदा को भी अपने मुंह में पुरा ब्रह्मांड दिखाकर उस पल को उनकी याददाश्त से भुला दिया बस यही है सम्मोहन। श्रीकृष्ण जिसे जो दिखाना, समझाना और ...

जन्म से मृत्यु तक का सफर गरुड़ पुराण के अनुसार janm se lekar mrityu tak ka safar garud puran ke anushar

जन्म से मृत्यु तक का सफर गरुड़ पुराण के अनुसार   किसी भी महिला के लिए वह क्षण बहुत गर्व का होता है, जब वह मां बनती है।  गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने अपने परम भक्त और वाहन गरुड़ को जीवन-मृत्यु, स्वर्ग, नरक, पाप-पुण्य, मोक्ष पाने के उपाय आदि के बारे में विस्तार से बताया है। गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि शिशु को माता के गर्भ में क्या-क्या कष्ट भोगने पड़ते हैं और वह किस प्रकार भगवान का स्मरण करता है। गर्भस्थ शिशु के मन में क्या-क्या विचार आते हैं, ये भी गरुड़ पुराण में बताया गया है। आज मै गरुड़ पुराण में लिखी यही बातें आपको बता रहा हु , जो इस प्रकार हैं- 3. एक महीने में मस्तक, दूसरे महीने में हाथ आदि अंगों की रचना होती है। तीसरे महीने में नाखून, रोम, हड्डी, लिंग, नाक, कान, मुंह आदि अंग बन जाते हैं। चौथे महीने में त्वचा, मांस, रक्त, मेद, मज्जा का निर्माण होता है। पांचवें महीने में शिशु को भूख-प्यास लगने लगती है। छठे महीने में शिशु गर्भ की झिल्ली से ढंककर माता के गर्भ में घूमने लगता है। 11. गरुड़ पुराण के अनुसार, जैसी बुद्धि गर्भ में, रोग आदि में, श्मशान में, पुराण आदि स...