रविवार, 16 अक्तूबर 2022

इन रातों में हासिल की जाती है खतरनाक तंत्र-मंत्रों की सिद्धियाँ (TANTRA-MANTRA,SIDDHIYA)

 प्राचीन समय से साधु, संन्यासी ,ऋषि ,मुनि , सिद्धियाँ  प्राप्त करने   के लिए साधना किया करते थे। शास्त्रों में कहा गया है कि  अलग अलग साधना करने का एक खास समय होता है।





इस खास समय में साधना करने पर तंत्र मंत्र सिद्ध हो जाते हैं यानी व्यक्ति के वश में हो जाते हैं। तंत्र मंत्र जिनके वश में होते हैं वह जरूरत के अनुसार सिद्ध  किए मंत्रों के द्वारा  अपनी सभी  इच्छाओं को पूरा कर सकता है।

काली रातों में होती है ऐसी तंत्र साधनाएं







ऐसी मान्यता है कि तंत्र मंत्र-मंत्र की साधना के लिए कुछ नियम हैं। इस नियम के अनुसार कुछ तंत्र-मंत्र साधनाएं अमावस्या की रात को पूरी की जा सकती है। इनमें भैरव, श्मशान, काली, प्रेतात्माओं को जगाने की साधना शामिल हैं।

ग्रहण के समय की जाती है ऐसी तंत्र साधनाएं



ग्रहण के समय में अप्सरा ,योगिनी, भैरवी, अग्नि जीवा, कर्ण पिशाचिनी, छिन्नमस्ता, ललिता और कृत कामिनी योगिनी की साधना करने पर सफलता की संभावना प्रबल रहती है।

जबकि नवरात्र के समय तंत्र-मंत्र की देवी आदिशक्ति के पृथ्वी पर होने और प्रकृति की अनुकूलता के कारण किसी भी तांत्रिक साधना और दस महाविद्याओं की साधना करना शुभ फलदायी होता है।

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