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शुक्रवार, 22 जुलाई 2022

गायत्री मंत्र के सभी शब्दों का अर्थ (मतलब) क्या है ?(Gayatri Mantra)


 

गायत्री मंत्र के सभी शब्दों  का अर्थ (मतलब) क्या है ?

सभी ग्रंथों में लिखा है कि मंत्रों का मंत्र महामंत्र गायत्री मंत्र है यह प्रथम इसलिए है क्योंकि  विश्व की प्रथम पुस्तक ऋंगवेद  की शुरुआत ही गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) से होती है कहते हैं कि ब्रह्मा ने चार वेदों की रचना के पूर्व 24 अक्षरों के गायत्री मंत्र की रचना की थी, गायत्री मंत्र के हर शब्द का खास अर्थ है,

 आइए जानते हैं गायत्री मंत्र के सभी अक्षरों का अर्थ (मतलब) 

ॐ  भूर्भुव स्व तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् 

प्रत्येक अक्षर के उच्चारण से एक देवता का आवाहन हो जाता है 

गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों के 24 देवता है उनकी अर्थात  चौबीस शक्तियां है ,

24 शक्ति बीज है गायत्री मंत्र की उपासना करने से उन मंत्र शक्तियों का  लाभ और सिद्धियां मिलती है 

ॐ शब्द 3 शब्दों से मिलकर बना है अ ,उ  और म इन तीनो शब्दों को एक साथ मिला कर बोलने पर जो ध्वनि निकलती है वो है ॐ | 

गायत्री मंत्र का अर्थ
उस, प्राणस्वरूप, दुखनाशक, सुख स्वरुप, तेजस्वी, श्रेष्ठ, पापनाशक, दिव्य परमात्मा को हम अपनी अंतरात्मा में धारण करें. जो हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें.


गायत्री मंत्र जाप कब करें
1. सूर्योदय से पूर्व
2. दोपहर में
3. सूर्यास्त से पूर्व

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गायत्री मंत्र जाप के फायदे
1. गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से मन शांत और एकाग्र रहता है .

2. इस मंत्र के जाप से दुख, कष्ट, दरिद्रता , पाप आदि दूर होते हैं.

3. संतान प्राप्ति के लिए भी गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है.

4. कार्यों में सफलता, करियर में उन्नति आदि के लिए भी गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए.

5. विरोधियों या शत्रुओं में अपना वर्चस्व स्थापित करने के​ लिए घी एवं नारियल के बुरे का हवन करें. उस दौरान गायत्री मंत्र का जाप करते हैं.

6. जिन विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति कमजोर होती है, उनको गायत्री मंत्र का नियमित जाप एक माला करनी चाहिए.

7. पितृदोष, कालसर्प दोष, राहु-केतु तथा शनि दोष की शांति के लिए शिव गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए.

शुक्रवार, 12 मई 2017

एक दूजे के लिये (Ek Duje ke Liye)

सहर से दूर एक घने जंगल में एक आम का और एक नीम का लम्बा घाना पेड़ था |
नीम का पेड़ अपने पडोशी आम के पेड़ से बात तक नहीं करता था | उनको अपने बड़े होने पर घमंड था | एक बार एक रानी मधुमक्खी नीम के पेड़ के  पास पहुची और कहा " नीम भाई " मै  आपके यहाँ पर अपने सहाद का छत्ता बना लूँ ? नीम के पेड़ ने साफ - साफ मन कर दिया आम के कहने पर भी वह अड़ा  रहा  | आम के पेड़ ने उसे अपने यहाँ छत्ता बनाने की अनुमति दे दी | रानी मक्खी ने आम के पेड़ पर छत्ता बना लिया और सुखपूर्वक रहने लगी | तभी कुछ दिनों बाद कुछ व्यक्ति वहा आये और कहने लगे की इस आम के पेड़ को कटते है | तभी एक व्यक्ति की नज़र मधुमक्खी के छत्ते पर पड़ी तो उसने कहा - यदि हम इस पेड़ को कटते है तो ये मधुमक्खी हमें नहीं छोड़ेंगे , अतः हम इस नीम के पेड़ को कटते है इससे हमें कोई खतरा नहीं होगा , और लकड़ियाँ भी हमें अधिक मात्र में मिल जाएगी | यह सब सुनकर नीम का पेड़ डर गया , लेकिन अब वह कर भी क्या सकता था ?

दुसरे दिन सभी व्यक्ति आये और नीम के  पेड़ को काटने लगे तब नीम चिल्लाना शुरू किया " मुझे बचाओ मुझे बचाओ नहीं तो ये लोग मुझे कट डालेंगे " तब मधुमखियो ने उन लोगो पर हमला किया और उन लोगो को वहा से भगा दिया | नीम के पेड़ ने मधुमक्खियो को धन्यवाद  दिया तो इस पर मधुमखियो ने कहा की "धन्यवाद हमें नहीं आम भाई को कहो यदि वह हमको नहीं कहते तो हम आपको नहीं बचाते "


^^^^^^ इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है ^^^^^^
दोस्तों आपके  अमूल्य सुझाव व सन्देश की प्रतीक्षा रहेगी