मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016

किताब पढने से याद न हो तो करे यह उपाय (KITAB PADHNE SE YAAD NA HO TO KARE YAH UPAY)

क्या आपको भूलने की बीमारी है तो स्मरणशक्ति बढ़ाये और रट के याद न करे सिर्फ पढ़े जी हाँ सुनने में आपको क्या लगता है क्या में मजाक कर रहा हूँ जी नहीं ये सत्य है कि चमत्कारिक रूप से आपके थोड़े से प्रयास से आपकी स्मरण शक्ति येसी हो जायेगी कि आप सोच भी नहीं सकते है -
 






पहले के ऋषि -मुनि सिर्फ सुन के याद कर लेते थे और अपने शिष्यों को उस ज्ञान को दिया करते थे आप जानते है कि वो क्या करते थे वो रात को मनन करते थे और दिन में किये गए कार्य और सुने गए उपदेश को मनन करने से उनको हमेशा के लिए याद हो जाता था -

स्मरणशक्ति एक ऐसा विषय है जिसके बारे में हर कोई जानना चाहता है। चाहे विद्यार्थी हो या नौकरीपेशा व्यक्ति, गृहिणी हो या वृद्ध-

* छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में दूर दूर से आते है संतान प्राप्ति के लिए 

आज की आपाधापी के समय में हर कोई यही कहता नजर आता है कि मेरी याददाश्त कमजोर है या जो पढ़ता हूँ याद नहीं रहता। आजकल स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए बाजार में तरह-तरह के प्रोडक्ट्स आते हैं। वास्तव में किसी की भी स्मरणशक्ति कमजोर नहीं होती, न ही इस पर उम्र का कोई फर्क पड़ता है-

इस लेख में कुछ आसान से नियम बताए जा रहे हैं यदि उन पर अमल कर लिया जाए तो निश्चित ही आपकी स्मरणशक्ति बगैर दवा सेवन के बढ़ जाएगी व आप यह भूल ही जाएँगे कि मेरी स्मरणशक्ति कभी कमजोर थी।

सबसे पहले हम ध्यान रखें कि हमारे विचारों में नकारात्मक सोच नहीं आना चाहिए बल्कि सोच सदैव सकारात्मक होना चाहिए-

छिपकली भगाने के घरेलु उपाय

जब हम उपन्यास, कोई भी कहानी या फिल्म या नाटक आदि देखते है तो हमें घटनाक्रम से लेकर पात्रों के नाम, कहानी आदि भी याद रहते हैं। कभी-कभी गाने भी याद रह जाते हैं।

आखिर ऐसा क्यों होता है.....?

वास्तव में हम जब फिल्में देख रहे होते हैं या उपन्यास आदि पढ़ रहे होते हैं या कोई नाटक देख रहे होते हैं तब हम उसे रट कर याद  नहीं करते है सिर्फ बस हमारी आँखों के सामने से व हमारी स्मृति पटल से गुजारते जाते हैं। क्योंकि हम उसे याद नहीं करते और दिमाग पर जोर नहीं डालते और बस पढ़ते जाते हैं या सिर्फ देखते जाते हैं और वह हमें याद हो जाता है-

जब हम कोई घटना या किसी का नाम याद रखने की कोशिश करते हैं तो हमारे मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है और जब मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है तो वह घटना या किसी का नाम नाम याद नहीं आता है .....! और जैसे ही हम उसे याद करना बंद कर देते है व दूसरे काम में लग जाते हैं तो वह घटना हमें शीघ्र याद आ जाती है क्योंकि उस वक्त हम उसे याद नहीं करते-

* लोगो को लुभा रही माँ जतमई धाम  

जबकि हम किसी कोर्स की किताबो को पढ़ते हैं तो या तो हम रटते हैं या याद करने की कोशिश करते हैं जबकि हमें पढ़ते वक्त याद नहीं करना चाहिए। बस पढ़ते रहना चाहिए। याद करने की कोशिश ही हमें याद नहीं होने देती। जब भी हम पढ़ने बैठते हैं तो एक या दो पैरा पढ़कर किताब बंद कर दें, थोड़ी देर विश्राम करें फिर जो पढ़ा है उसे एक कॉपी पर लिखें व मिलाएँ कि हमने जो पढ़ा व लिखा है उसमें कितना मेल है। आप चकित रह जाएँगे कि लगभग जो पढ़ा था वही लिखा है। धीरे-धीरे यही क्रिया दोहराते रहें। इस प्रकार हम जो पढ़ेंगे उसे आसानी से लिख कर अपने स्मृति पटल पर अच्छी तरह बैठा लेंगे। पढ़ाई किसी भी वक्त करें, याद न करें बस पढ़ते जाएँ। फिर थोड़ी देर लेट जाएँ व एक कॉपी में जो पढ़ा लिखते जाएँ यह क्रिया आपको तथ्यों याद रखने में सहायक होगी-

दूसरी एक क्रिया यह है कि हम रात को सोते वक्त ध्यान करें कि सुबह उठने से लेकर सोते वक्त तक क्या-क्या किया। किस-किस से मिले। क्रमवार ध्यान करते जाएँ। लगभग एक माह में आपको सारा घटनाक्रम हूबहू याद हो जाएगा-

तीसरी क्रिया आत्म सम्मोहन की है। सर्वप्रथम हम हाथ-पैर धोकर रात्रि में एक खुशबूदार अगरबत्ती लगाकर बिस्तर पर लेट जाएँ व तीन बार गहरी-गहरी साँसे लें व धीरे- धीरे छोड़ें फिर अपने दोनों पैरों को ढीला छोड़ दें फिर दोनों हाथ, सिर व पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें। फिर कहें मेरी आँखों में एक सम्मोहक नींद समाती जा रही है। ऐसा कम से कम दस बार करें। फिर अपने आपको निर्देश दें कि आज जो भी पढ़ा या लिखा मुझे हमेशा जीवन भर ध्यान में रहेगा और जब भी मैं उसे लिखना चाहूँगा, लिख दूँगा या बताना चाहूँगा बता दूँगा। अब से मेरी याद्दाश्त पहले से अधिक बढ़ गई है। ऐसा क्रम एक माह तक करें फिर देखें कि आपकी से स्मरणशक्ति चमत्कारिक रूप से बढ़ गई है।और इसी क्रिया से आपको बिना दवा के एक अच्छी नींद भी आएगी -

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