कई लोगो का मानना है की जब सियार बुढा हो जाता है तो उसके नाक के पास सिंग जैसा सख्त हिस्सा उभर आता है जो हजारो में से किसी एक सियार में पाया जाता है |
इसको हासिल कैसे करते है = आप सोंच रहे होंगे की सियार सिंगी सियार को मारकर हासिल किया जाता है पर ऐसा नहीं है सियार जब रात के समय जब गले को ऊपर कर चिल्लाता है तभी उसका वो सिंग बहार आता है अन्यथा कोई भी समय नहीं दिखता , जब सियार ऊपर की ओर मुह करके चिल्लाता है तब शिकारी लोग धनुष बाण से उसके शरीर से अलग कर देते है |
सियार सिंगी का प्रयोग तंत्र मंत्र के लिए किया जाता है |हमारे भारत में इसका प्रचालन कब शुरू हुआ ये कोई नहीं बता सकता , लेकिन जिसके पास सियार सिंगी है उसके पास धन की कमी नहीं रहती , प्रेमी प्रेमिकाओ में प्रेम बढ़ता है , पति पत्नी में प्रेम बढ़ता है , व्यापार में लाभ होता है , इनके नित्य प्रतिदिन दर्शन करने से दिन सुखमय होता है ,सियार सिंगी कहा से प्राप्त करे यह आप सोच रहे होंगे तो मै आपको बता दूँ की सियार सिंगी तांत्रिको, व् ऋषि मुनियों के पास आपको मिल सकता है वे इसको मंत्रो से सिद्ध किये होते है |
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सियार सिंगी की एक और अनोखी बात यह है की यह सिन्दूर खाती है , जी हाँ इसे चांदी या स्टील के डिब्बे में सिन्दूर डालकर रखा जाता है , सिन्दूर में रखने से ही आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी , इसको जितना सिन्दूर सिन्दूर में डालकर रखेंगे उतना ही इनका बाल बढ़ेगा जो होली या फिर दीपावली के दिन पूजा विधि से काटना होता है
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