1. घटते लाभ का नियम कहता है कि किसी काम पर एक घंटा खर्च करना लाभदायक होगा, लेकिन उसी काम पर पांच घंटे लगाना वक्त की बर्बादी है। जैसे कोई अपना बिज़नेस प्रमोट करने के लिए सोशल मीडिया पर सिर्फ एक घंटा दे, क्योंकि सोशल नेटवर्किंग में घंटों खर्च होने पर भी पता ही नहीं चलता।
2. पूर्णतावादी होने से बचें। मतलब यह नहीं कि घटिया काम स्वीकार्य है, लेकिन किसी काम पर लंबे समय तक काम करना जबकि गुणवत्ता में सुधार होना कब का थम गया है, लाभदायक नहीं है। तब आप दूसरे काम नहीं कर पाते। बड़ा काम हम लक्ष्य के लिए करते हैं, जबकि परफेक्शन हम अपने लिए लाते हैं।
3. काम की जगह अस्तव्यस्त होगी तो मन भी अस्तव्यस्त रहेगा। काम के दौरान नहीं चाहेंगे कि शारीरिक-मानसिक ऊर्जा अस्तव्यस्तता पर खर्च हो। हाथ से कागजों को उलट- पलट कर दस्तावेज खोजेंगे तो उत्पादकता कहां रहेगी। चीजें व्यवस्थित करने में कुछ वक्त लगाएं।
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