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सच में होते है इच्छाधारी नाग नागिन ये है सच्चाई

 कई लोग भले इन्हे अंधविश्वास मानते हो पर हमारे शास्त्रों में इचाधारी नाग नागिनो के  कहानियों के प्रमाण है। शेषनाग को भगवान विष्णु का अंश माना जाता है जो कि नाग वंश से है। उन्होंने त्रेता युग में श्रीराम के अनुज लक्ष्मण और द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम के रूप मानवअवतार लिया था। तो वहीं राजा वासुकि को नागों का राजा माना जाता है और पाताल में शेष नाग रहते हैं। वासुकि कद्रु एवं ऋषि कश्यप की संतान हैं। कई पौराणिक कथाओं में वासुकि एवं शेष नाग को एक समान ही माना गया है। दोनों का ही समान महत्व है।  हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार शेष नाग एक विशाल नाग हैं, जिनकी आंखें गुलाबी कमल की भांति हैं, उनका वर्ण श्वेत कहा गया है एवं उनके वस्त्र नील रंग के बताए जाते हैं। किंतु वे एक नहीं, वरन् हजारों फणधारी नाग हैं। यह फणधारी नाग उस समय नाग और मानव दोनों ही रूप में रहते थे। जिन्हें आज हम इच्छाधारी नाग-नागिन कहते थे। इन्हें इच्छा धारी इसलिए कहा जाता है क्योंकि उस समय यह नाग अपनी इच्छा के अनुसार मानव और सर्प का रूप रख लेते थे।

इन 5 गलतियों के कारण झड़ते हैं बाल, कही आप न कर दे ऐसी गलतियां

बालों का झड़ना आज के दिनों में एक आम समस्या बन चुकी है, इस से हर कोई परेशान है समय से पहले ही बाल झड़ना एक प्रकार का बीमारी में कहा जाता है। इस परेशानी से बचने के लिए इंसान डॉक्टर से लेकर के वैध तक चक्कर काटने को बेबस हो जाता है, फिर भी इसकी कोई समस्या नहीं निकल पाती है। इसीलिए, मैं आपके लिए पांच तरीके लाया हूं जिसके मदद से आप अपने बालों को झड़ने से बचा सकते हैं। ये गलतियां न करें:- 1. स्नान के बाद बालों को अच्छी से सूखा लें, उसके बाद ही बालों में कंघी दें क्योंकि स्नान के बाद बालों की जड़ पानी में भीगने की वजह से थोड़ा सा फूल जाते हैं, जिससे जर थोड़ा देर के लिए कमजोर हो जाती है इसी वजह से स्नान के बाद बालों में तुरंत कंघी ना दें। 2.बालों को कई तरह की विटामिन की जरूरत होती है, विटामिन A की कमी होने से आपको बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, इसीलिए विटामिनA को शरीर में बनाए रखने के लिए गाजर, मीठा आलू ,अंडा, इन सब चीजों का सेवन करे, इनमें में विटामिनA की भरपूर मात्रा रहती है। 3. कई बार हमेशा टेंशन में रहने से भी बालों का झड़ना बढ़ जाता है, टेंशन से बचाने के लिए ...

बहुत ज्यादा परेशानी में फसे हो तो करे हनुमान जी के अचूक उपाय

सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥ अर्थ- जो भी आपकी शरण में आते हैं, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता। हिन्दू धर्म के सबसे जाग्रत और सर्वशक्तिशाली देवताओं में हनुमानजी की कृपा जिस पर बरसरना शुरू होती है उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। दस दिशाओं और चारों युग में उनका प्रताप है। जो कोई भी व्यक्ति उनसे जुड़ा समझों उसका संकट कटा। प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए। हनुमानजी इस कलियुग में सबसे ज्यादा जाग्रत और साक्षात हैं। कलियुग में हनुमानजी की भक्ति ही लोगों को दुख और संकट से बचाने में सक्षम हैं। बहुत से लोग किसी बाबा, गुरु, अन्य देवी-देवता, ज्योतिष और तांत्रिकों के चक्कर में भटकते रहते हैं, क्योंकि वे हनुमानजी की भक्ति-शक्ति को नहीं पहचानते। हनुमानजी की भक्ति और हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति खुद को इन 10 तरह की बाधाओं से बचा लेता है। भूत-पिशाच : भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥24॥ अर्थ : जहां महावीर हनुमानजी का नाम सुनाया जाता है, वहां भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते। जिसे किसी अनजान शक्ति...

फेसवॉश के दौरान न करे ये 5 ये गलतियां

स्किन का साफ और ग्‍लोइंग बनाए रखने के लिए समय समय पर फेशवॉश हर कोई करता है। लेकिन आपको मालूम है कि ज्‍यादात्‍तर लोग चेहरा धोते समय गलतियां करते है। हम चेहरा धोते समय अक्सर ऐसी गलतियां करते रहते हैं जिससे चेहरा साफ होने के बजाय बेजान होता जाता है। आइए जानते है कि फेसवॉश करते हुए किन गलतियों से बचना चाहिए। 1. चेहरा धोने का पानी न तो बहुत गर्म होना चाहिए और न ही बहुत ठंडा। बहुत अधिक ठंडा और बहुत अधिक गर्म पानी चेहरे को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में हल्के गुनगुने पानी से ही चेहरा साफ करना चाहिए। 2. अगर आप चेहरा साफ करने के लिए स्क्रबर का इस्तेमाल करती हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि कोमल हाथों से ही स्क्रबिंग करें वरना चेहरे पर रगड़ के निशान भी बन सकते हैं। 3. अगर आपको मेकअप उतारना है तो बजाय चेहरा धोने के आप सबसे पहले उसे कॉटन से अच्छी तरह पोछ लीजिए, उसके बाद ही चेहरे को पानी से साफ कीजिए। मेकअप को सीधे पानी से धोने पर मेकअप के कण त्वचा के रोम-छिद्रों में चले जाते हैं जिससे वो बंद हो जाते हैं। 4. अगर आप अपना चेहरा धोने जा रहे हैं तो सबसे पहले अपने हाथों को सा...

भगवान कामदेव के पिता कौन है Bhagwan kamdev ke pita kaun hai

भगवान  कामदेव के पिता कौन है  Bhagwan kamdev ke pita kaun hai कामदेव सौंदर्य और कल्याण के देवता माने जाते हैं। कामदेव की पत्नी का नाम रति है। प्रेम और सौंदर्य की प्राप्ति के लिए इनकी आराधना खासतौर से की जाती है। कामदेव वह देवता हैं, जिन्होंने भगवान शिव को भी समाधि से विचलित कर दिया था। कामदेव का एक नाम अनंग यानी बिना अंग वाला भी है।जब धर्म पर संकट आयी थी तब किसी भी देवता का दाल नहीं गला , तब मात्र अंतिम सहारा थे भगवान शिव जो तपश्या  में लीन रहते है, तो भगवान शिव को जगाने के लिए सभी देवता अपना अपना तरीका आजमा के देख लिए फिर भी भगवान शिव जी नहीं जागे तब देवताओ ने मिलकर ये योजना बनाई की कामदेव ही है जो भगवान को जगा सकते है , तो देवता गण कामदेव को भेज दिए भगवान शिव को जगाने कामदेव अपने बाण शिव जी के ऊपर छोड़ते गए लेकिन भगवान शिव को कोई फर्क नहीं पड़ा अंततः भगवान शिव निद्रा से जागे तो बहोत क्रोध  में थे, क्रोध में होने के वजह से भगवान शिव का तीसरा नेत्र खुला और कामदेव को भस्म कर दिया लेकिन कामदेव की मृत्यु नहीं हुई पर उनका शरीर जल गया देवताओ के कहने पर भगवान शिव को अपने आ...

मौली माता मंदिर फिंगेश्वर जिनके चमत्कार के बारे में शायद ही आपको पता होगा ( the mauli mata tempale fingeshwar)

मौली माता  गोड़वाना राज फिंगेश्वर नगर के पश्चिम दिशा में विराजित माँ मौली माता का विशाल मन्दिर प्रांगण है | मौली माता फिंगेश्वर राज में सभी वर्ग विशेष की आराध्य देवी है | माता के दर्शन हेतु भक्तगण  माता के दरबार से कभी खली हांथ वापस माहि होते शक्ति स्वरुप माँ मौली देवी क्षेत्र के जन मानस में रची बसी है | पौराणिक मान्यता व पुजारी सोभा राम भंडारी के अनुसार फिंगेश्वर राज का राजा ठाकुर दलगंजन सिंह यात्रा में जा रहे थे तभी अचानक हमलावरों ने आक्रमण कर दिया वाही मौली माता एक बुधिया के रूप में आयी वहा राजा  ठाकुर दलगंजन सिंह हमलावरों से घिर गए थे की अचानक माता जी का साक्षात्कार हुआ , माता मौली का मूर्ति रूप  माता जी की कुछ इशारा पते ही रजा साहब उठ खड़े हुए और हमलावरों के साथ युद्ध किया और विजयी हुए | तब राजा साहब ने माता के पास जाकर प्रणाम कर वापिस महल की ओर आने लगे वहां वृधा का रूप लेकर कड़ी माता भी राजा साहब के पीछे पीछे आने लगी तब रजा साहब को अदृश्य शक्ति का अनुभव हुआ | राजा साहब के निवेदन पर माता जी सांग में बैठ कर फिंगेश्वर राज महल आयी | वह आदर सम्मान पूर्वक वृधा...

माँ जतमाई धाम की अनसुनी कहानी maa jatmai dham ki ansuni kahani

छत्तीसगढ़  की ख्याति प्राचीन  युग से छत्तीसगढ़ियो  से है किन्तु छत्तीसगढ़ के वन सम्पदा जंगली जानवर और जंगल में रहने बसने  वाले आदिवाशी समाज आज भी सैलानियों की रोमांच और सिहरन के लिए पर्याप्त है छत्तीसगढ़ विपुल वन सम्पदा का प्रदेश है जो पर्यटन के दृष्टिकोण से अपार सम्भावनाये लिए हुए है | क्योंकि यहाँ के घने जंगलो में विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणी एवं पशु पक्षी एवं ऊँची -ऊँची पहाड़ियों से गिरती झरने और सबसे बड़ा आकर्षण यहाँ की आदिवाशी संस्कृति है , पर्यटन विकाश की दृष्टि से इस प्रदेश में असीम सम्भावनाये है , छत्तीसगढ़ के जंगलो की खूबसूरती खेतो की हरियाली और यहाँ की विविधता पूर्ण संस्कृति की ओर देश व दुनिया के पर्यटकों का ध्यान आकृष्ट करते है प्रकृति की अनुपम वरदान छुरा वह धरा है जहाँ नैसर्गिक सौंदर्य यत्र - तत्र  बिखरा पड़ा है | सज्जित तिमिर श्रींगार कर रहस्य और रोमांच का अनूठा संसार गढ़ते है | घने वन प्रातर, बहेरा , चार , तेंदू, महुआ , साजा , बीजा, आदि की हरीतिमा वनांचल छुरा के प्राकृतिक सौंदर्य पर न केवल चार चाँद लगते है वरन छुरा आने वाले पर्यटकों को कौतुहल पूर्ण नजरो स...