भारत में हठयोग प्रसिद्ध और प्रमाणिक रहा है, हठयोग प्रदीपिका में त्राटक को योग के छः कर्मों में से एक कर्म कहा गया है, जीवन में पूर्ण सफलता और सिद्धि प्राप्त करने के लिए शरीर शुद्धि आवश्यक है परंतु प्राणायाम के माध्यम से यह शरीर शुद्धि देर से होती है अतः इस शरीर शुद्धि के लिए हठयोग में प्रचलित षट्कर्मो का उपयोग किया जाता है| षट्कर्म के प्रकार निम्नानुसार है १. वस्ति २.धौति ३.नौलि ४.नेति ५.कपालभारती ६.त्राटक वस्ति क्रिया - वस्ति गुदा द्वारा पानी चढ़ाकर पेट तथा अँतड़ियों को साफ करने की क्रिया वस्ति क्रिया को वस्ति क्रिया कहते है | धौति धौति 15 हाथ लंबे तथा चार अंगुल चौड़े पतले मलमल के कपड़े को पानी में भिगोकर उसे मुंह के द्वारा अंदर कर कफ साफ करने की क्रिया को धौति कहते हैं | नौलि नौलि पद्मासन लगाकर रेचक-कुंभक प्राणायाम करके मनोबल द्वारा नाभि को घुमाने की क्रियाको नौलि कहा जाता है नेति जल नेति क्रिया...
बहुत बहुत स्वागत है आपका हमारे और आपके ब्लॉग whatsappforu.blogspot.com पर यहाँ आपको मिलता है everything ब्लॉग जैसे धार्मिक रहस्य ,जीवन कथा , टेक्नोलॉजी ज्ञान ,हेल्थ,घरेलु नुस्ख़े जैसे बहुत कुछ